Tata Brand Crisis 2025: क्या भारत का No.1 ब्रांड अब खतरे में है?

Tata Group को,
एक बार फिर UK-बेस्ड Brand Finance ने भारत का सबसे टॉप ब्रांड घोषित किया है लगातार 15वें साल। ये खबर सुनकर लगेगा कि सब कुछ नॉर्मल है। लेकिन जब आप गहराई से देखेंगे, तो साफ होता है कि इस मजबूत ब्रांड के सामने कई चुनौतियाँ खड़ी हैं।
Tata Brand Crisis 2025: Air India क्रैश का असर अभी दिखना बाकी है
Tata Group को सबसे बड़ा झटका उस वक्त लगा जब जून में Ahmedabad से London जा रही एक Air India फ्लाइट क्रैश हो गई, जिसमें 260 लोगों की मौत हुई। हालांकि Brand Finance की रिपोर्ट इस घटना से पहले तैयार हो गई थी, लेकिन इसका असर Tata की ब्रांड वैल्यू पर अगले साल दिख सकता है।
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Flagship कंपनियां और Financial Performance भी चिंता का कारण
TCS, Tata Motors और Tata Steel जैसी Tata की बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन भी बीते कुछ तिमाहियों में कमजोर रहा है। समूह की 25 लिस्टेड कंपनियों की कंपाउंड revenue growth सिर्फ 4% रही जो पिछले चार सालों में सबसे कम है।
- FY25 में इनका कुल net profit 0.1% गिरकर ₹90,547 करोड़ रहा।
- साथ ही, Tata का डिजिटल बिज़नेस Tata Neu भी scale-up करने में सफल नहीं हो पाया है।
फिर भी ब्रांड Tata लगातार मजबूत क्यों?
Brand Finance के अनुसार, Tata Group ने न केवल अपना No.1 स्थान बरकरार रखा, बल्कि उसकी brand value 10% बढ़कर $31.6 बिलियन हो गई है।
अब वो उन ग्लोबल ब्रांड्स के club में शामिल हो गया है जिनकी वैल्यू $30 बिलियन से ज़्यादा है।
- “दुनिया में ऐसे सिर्फ 50 ब्रांड्स हैं जिन्होंने $30 बिलियन का आंकड़ा पार किया है,”
— Ajimon Francis, MD, Brand Finance India
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Tata Brand Crisis 2025: Brand Valuation से क्या समझ आता है?
Brand valuation जरूरी नहीं कि कंपनी की financial health दिखाए, लेकिन यह किसी ब्रांड की पकड़ और ताकत जरूर दिखाता है।
- “Tata ब्रांड हर भारतीय की लाइफ का हिस्सा बन चुका है। यही familiarity उसे बाकी ब्रांड्स से अलग बनाती है,”
— Santosh Desai, MD, Future Brands
Desai मानते हैं कि सिर्फ पहचान से ब्रांड वैल्यू नहीं बढ़ती Tata की consistency और evolution इसे खास बनाते हैं।
Ratan Tata की Legacy और Noel Tata का रोल
आज brand Tata का जो global recall है, उसका बड़ा क्रेडिट Ratan Tata को जाता है। 1991 में जब उन्होंने नेतृत्व संभाला, तब उन्होंने group को एक ग्लोबल giant बना दिया। उन्होंने Jaguar Land Rover और Corus Steel जैसे बड़े acquisition कर नए sectors में कदम रखा। उनकी पहचान इमानदारी और philanthropy के लिए भी रही।
अब Noel Tata, जो Tata Trusts के चेयरमैन हैं, उनके बारे में industry में आम राय है कि उन्होंने group को founding principles पर टिकाए रखा है।
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N. Chandrasekaran का Tech-Driven Focus
2017 में Tata Sons के चेयरमैन बनने के बाद से N. Chandrasekaran ने कई बड़े कदम उठाए:
- ऑपरेशंस को consolidate किया
- कर्ज को घटाया
- cash flow बढ़ाया
- Semiconductors, advanced electronics, और digital consumer business जैसे futuristic सेक्टर में निवेश किया
हालांकि कुछ लोग मानते हैं कि उनमें Ratan Tata जैसा विज़न या करिश्मा नहीं है।
- “वो बेहद सक्षम हैं, लेकिन किसी बड़े कॉर्पोरेट CEO जैसे ही लगते हैं Ambani या Adani की तरह,”
— Richard Rekhy, Vice Chairman, Grant Thornton Bharat
Bottom Line:
Tata Group आज भी भारत की सबसे भरोसेमंद और मजबूत ब्रांड बना हुआ है, लेकिन Air India हादसा, कमज़ोर financials, और डिजिटल विफलताएं आने वाले समय में उसके लिए चुनौती बन सकती हैं।
-:FAQ:-
1. 2025 में Tata Group को किस कारण संकट आया?
- Ans. Air India क्रैश और कंपनियों की कमजोर परफॉर्मेंस।
2. Air India हादसे का ब्रांड पर असर पड़ा?
- Ans. हां, विश्वसनीयता को झटका लगा।
3. Tata Neu ऐप क्यों फेल हो रहा है?
- Ans. कमजोर UX और तकनीकी दिक्कतें।
4. Tata का FY25 में प्रॉफिट कितना घटा?
- Ans. सिर्फ 0.1% की गिरावट हुई ₹90,547 करोड़ पर।
5. क्या Tata अभी भी No. 1 ब्रांड है?
- Ans. हां, लगातार 15वें साल टॉप पर है।
6. Ratan Tata की गैरमौजूदगी का असर?
- Ans. लीडरशिप की कमी महसूस की जा रही है।
7. Chandrasekaran सफल रहे?
- Ans. हां, लेकिन पहचान एक कॉर्पोरेट CEO जैसी।
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