Amazon vs Future: करोड़ों की डील, अरबों की उम्मीद, लाखों का मुआवज़ा!

भारत के सबसे चर्चित कॉर्पोरेट मुकदमों में से एक,
Amazon vs Future: – में अब फैसला आ चुका है।
Singapore International Arbitration Centre (SIAC) ने Future Group को कॉन्ट्रैक्ट उल्लंघन का दोषी मानते हुए Amazon को ₹23.7 करोड़ का मुआवज़ा देने का आदेश दिया है।
हालांकि, यह रकम Amazon की मांग (₹1,436 करोड़) की तुलना में बेहद कम है।
Amazon vs Future: पूरा विवाद शुरू कैसे हुआ?
साल 2020 में Future Group (किशोर बियाणी) ने Reliance Retail के साथ ₹24,713 करोड़ की डील की घोषणा की
लेकिन Amazon ने 2019 में Future Coupons Pvt. Ltd. में ₹1,400 करोड़ का निवेश किया था
उस समझौते के तहत Future Group को कुछ कंपनियों (जैसे Reliance) के साथ डील करने से रोका गया था
Amazon ने SIAC में केस दाखिल कर डील को रोकने की मांग की
Amazon को क्या मिला और क्या छूटा?
- Amazon की मांग SIAC का फैसला
- ₹1,436 करोड़ मुआवज़ा ₹23.7 करोड़ मुआवज़ा मिला
- ₹125 करोड़ Legal & Arbitration Cost ₹77 करोड़ मुआवज़ा + ₹6 करोड़ Arbitration Fee
- भारतीय अदालतों में हुए खर्च की भरपाई रद्द (SIAC ने यह खर्च मंज़ूर नहीं किया)
Tribunal Members: Prof. Albert Jan van den Berg, Prof. Jan Paulsson, Sr. Counsel Michael Hwang
SIAC का फैसला क्यों अहम है?
SIAC ने साफ कहा कि Future Group ने Amazon से किया गया करार तोड़ा है
हालांकि कोर्ट ने सिर्फ 60% कानूनी खर्च ही मंज़ूर किया
यह फैसला भारत की arbitration laws और international contract enforcement के लिए precedent बन सकता है
इस मामले में क्या दांव पर था?
Amazon और Reliance — दोनों भारत के $900 Billion के Retail Market में दबदबा चाहते हैं।
1.3 अरब ग्राहकों का ये बाजार, दुनिया के सबसे बड़े consumer playgrounds में से एक है।
Future Group के साथ Amazon की लड़ाई सिर्फ एक deal नहीं, बल्कि भारत के retail भविष्य का रुख तय करने वाली थी।
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