English बोलना शर्म की बात होगी! – अमित शाह के बयान से मचा सोशल मीडिया पर तूफान
वो दिन दूर नहीं,
जब English बोलने वाले खुद को कम समझेंगे!” – केंद्रीय गृह मंत्री Amit Shah का यह बयान सोशल मीडिया पर छाया हुआ है। उन्होंने Indian languages के सम्मान और linguistic heritage को फिर से मजबूत करने की बात कही है। यह बयान न सिर्फ एक भाषण था, बल्कि भारत के भाषा-भविष्य का एक vision statement बन गया है।
English बोलना शर्म की बात होगी!
क्या कहा अमित शाह ने?
कर्नाटक के बेंगलुरु में एक कार्यक्रम के दौरान अमित शाह ने कहा:
- “Those who speak English will soon feel ashamed.”
भारत को अपनी भाषाओं पर गर्व करना चाहिए और समय आ गया है कि हम English obsession को पीछे छोड़ें।
भाषा नहीं, पहचान है!
अमित शाह ने यह भी कहा कि:
Local languages में शिक्षा और कामकाज को बढ़ावा देना ज़रूरी है।
Mother tongue में पढ़ाई से बच्चे बेहतर समझते हैं और आत्मविश्वास बढ़ता है।
Linguistic diversity भारत की ताकत है, इसे दबाना नहीं, बढ़ाना चाहिए।
नई शिक्षा नीति (NEP) का भी जिक्र:
उन्होंने National Education Policy (NEP) की तारीफ की, जो regional languages में शिक्षा को बढ़ावा देती है। यह कदम भारत के knowledge system को local to global बनाने की दिशा में बड़ा बदलाव है।
क्यों बना यह बयान वायरल?
“English shame” वाला बयान कई लोगों को कड़ा लगा, लेकिन कईयों ने इसे language empowerment के रूप में सराहा।
यह colonial mindset के खिलाफ एक symbolic वार माना जा रहा है।
सोशल मीडिया पर इसे लेकर memes, debates और reels की बाढ़ आ गई।
Two Sides of the Coin:
Supporters कह रहे हैं – “अब वक्त आ गया है कि हम अपनी Indian identity को celebrate करें, अंग्रेज़ी को superior मानना बंद करें।”
Critics कह रहे हैं – “Language कोई शर्म या गर्व का विषय नहीं, बल्कि choice और accessibility का मामला है।
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