Israel-Gaza Conflict Sparks Worst Hunger Crisis in Modern History: हिन्दी
गाजा: धरती की सबसे भूखी जगह:
संयुक्त राष्ट्र (UN) ने शुक्रवार, 30 मई 2025 को गाजा पट्टी को “दुनिया की सबसे भूखी जगह” करार दिया है। संगठन के अनुसार, गाजा की पूरी की पूरी आबादी भुखमरी के खतरे में है, जो किसी भी देश या क्षेत्र में पहली बार हुआ है।
OCHA (संयुक्त राष्ट्र मानवता कार्यालय) के प्रवक्ता जेन्स लार्के ने कहा,
“गाजा इकलौती ऐसी जगह है जहां 100% आबादी भुखमरी के जोखिम में है।”
💥 20 महीने से जारी युद्ध, टूटी शांति की उम्मीदें
करीब 20 महीने से चल रहे इज़रायल-गाजा युद्ध ने गाजा को मानवीय त्रासदी की ओर धकेल दिया है। मार्च 2025 में छह सप्ताह की संघर्षविराम के बाद इज़रायल ने फिर से सैन्य अभियान शुरू किया, जिससे हालात और बिगड़ गए।
🚫 मानवता पर बाधाएं: सहायता पहुंचाना भी कठिन
मार्च 2025 से इज़रायल द्वारा लगाए गए पूर्ण सहायता प्रतिबंध को हाल ही में कुछ हद तक हटाया गया है, लेकिन हालात में खास सुधार नहीं आया है:
900 ट्रकों को अनुमति मिली, पर सिर्फ 600 ट्रक गाजा पहुंचे।
सुरक्षा चिंताओं के कारण बहुत-सी सहायता लोगों तक नहीं पहुंच पा रही है।
लोग भूख से बेहाल हैं, और सहायता ट्रकों को घेरकर खाना ले जा रहे हैं।
लार्के ने कहा,
“हम उन लोगों को दोष नहीं दे सकते जो खुद को और अपने परिवार को बचाने के लिए कुछ भी कर रहे हैं।”
⚠️ GHF पर विवाद: मदद या राजनीति?
हाल ही में बनी गाजा ह्यूमैनिटेरियन फाउंडेशन (GHF), जो इज़रायल और अमेरिका द्वारा समर्थित है, ने चार दिनों में दो मिलियन भोजन वितरित करने का दावा किया है।
लेकिन UN ने इसे अप्रभावी और असंगठित बताया।
“यह प्रणाली काम नहीं कर रही, यह लोगों की ज़रूरतें पूरी नहीं कर पा रही,” लार्के ने कहा।
🔍 स्थिति: अत्यंत निराशाजनक और अमानवीय
हजारों लोग सहायता केंद्रों पर भीड़ कर रहे हैं, लेकिन जैसे ही वे वहां से बाहर निकलते हैं, लूट का शिकार हो जाते हैं। सहायता वितरण की यह प्रणाली असफल और मानवाधिकारों के विरुद्ध मानी जा रही है।
📢 निष्कर्ष
गाजा में हालात अत्यधिक चिंताजनक हैं। वहां की जनता भूख, युद्ध और राजनीतिक अस्थिरता के बीच फंसी हुई है। यह समय है जब दुनिया को एकजुट होकर सही मानवीय दृष्टिकोण अपनाने की जरूरत |