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GoKwik की ₹111 Cr की Fundraising – अब E-commerce को मिलेगा AI का Superpower!

GoKwik की ₹111 Cr की Fundraising – अब E-commerce को मिलेगा AI का Superpower!

AI Generated image:

GoKwik,

एक तेज़ी से उभरता हुआ E-commerce enabler स्टार्टअप है, जो भारत में ऑनलाइन ब्रांड्स को checkout optimization, return management और WhatsApp-based engagement जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराता है। अब यह दिल्ली-स्थित स्टार्टअप फिर से चर्चा में है, क्योंकि इसने हाल ही में ₹111 करोड़ (लगभग $13 मिलियन) की growth funding जुटाई है।

 

GoKwik की ₹111 Cr की Fundraising:

फंडिंग राउंड की पूरी डिटेल,

GoKwik का यह फंडिंग राउंड RTP Global की अगुआई में हुआ, जो पहले से ही कंपनी में निवेशक है। इसके साथ-साथ Z47, Peak XV Partners (पहले Sequoia India), और Think Investments ने भी भाग लिया।

 

अब तक की कुल फंडिंग:

यह फंडिंग कंपनी के लिए growth capital का काम करेगी, जिससे यह international expansion के साथ-साथ अपने AI-powered commerce stack को और बेहतर बना सके।

 

कंपनी की Global Ambitions:

GoKwik अब सिर्फ भारत तक सीमित नहीं रहना चाहता। कंपनी की योजना है कि वह अपनी सेवाओं को international markets तक ले जाए। Southeast Asia, Middle East और Latin America जैसे बाजारों में e-commerce तेज़ी से बढ़ रहा है और GoKwik इस अवसर को भुनाना चाहता है।

 

Co-founder Chirag Taneja ने कहा:

 

AI-Driven Products: Tech ही है असली ताकत:

GoKwik का फोकस है अपने AI-led commerce stack को मजबूत करना। इसमें शामिल हैं:

 

WhatsApp Commerce & Engagement:

WhatsApp के ज़रिए ग्राहक से जुड़ाव बढ़ाना और abandoned carts को recover करना।

Returns Management:

ऑनलाइन शॉपिंग में returns एक बड़ी समस्या है। GoKwik इस चुनौती को AI से हल कर रहा है ताकि ब्रांड्स की operational efficiency बनी रहे।

RTO (Return to Origin) Risk Prediction:

AI algorithms के ज़रिए fraud और returns का पूर्वानुमान लगाना।

 

 

GoKwik की स्थापना 2020 में हुई थी। इसके founders हैं:

तीनों के पास fintech, consumer tech और logistics का मजबूत अनुभव है, और यही GoKwik को बाकियों से अलग बनाता है।

 

क्यों है यह फंडिंग महत्वपूर्ण?

आज की तारीख में भारत में लाखों D2C ब्रांड्स (Direct-to-Consumer brands) उभर रहे हैं। ये ब्रांड्स अपने conversion, retention, और customer experience को लेकर संघर्ष कर रहे हैं। ऐसे में GoKwik जैसे enablers की ज़रूरत दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।

FY26 तक भारत का e-commerce बाज़ार $200 Billion तक पहुंच सकता है। GoKwik इसका अहम हिस्सा बनना चाहता है।

 

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