GSK-Hengrui Pharma Deal: ₹4,175 करोड़ की डील से फेफड़ों की बीमारी का इलाज बदलेगा?
फेफड़ों की बीमारी का इलाज बदल सकता है!
चीन की जानी-मानी फार्मा कंपनी Jiangsu Hengrui Pharmaceuticals Co. के शेयरों में जबरदस्त उछाल देखने को मिला है। वजह? ब्रिटिश दिग्गज GSK Plc ने इस कंपनी की chronic lung disease (CLD) यानी दीर्घकालिक फेफड़ों की बीमारी की संभावित दवा के लिए $500 मिलियन (करीब ₹4,175 करोड़) की डील साइन की है।
शेयरों ने छुआ 4 साल का ऊपरी स्तर!
Shanghai स्टॉक एक्सचेंज में Jiangsu Hengrui के शेयरों में 8.16% की उछाल दर्ज की गई जो जुलाई 2021 के बाद का सबसे ऊंचा स्तर है। वहीं, Hong Kong में लिस्टेड शेयरों में 10.95% तक की बढ़त देखी गई।
GSK-Hengrui Pharma Deal: GSK की बड़ी डील
GSK ने Hengrui को $500 मिलियन upfront देने का वादा किया है — यह पैसा कंपनी की फेफड़ों की बीमारी से जुड़ी दवा के विकास के लिए दिया जाएगा। यह डील न सिर्फ चीन के फार्मा सेक्टर के लिए बड़ी बात है, बल्कि GSK की नई हेल्थ रणनीति को भी दर्शाती है।
Hengrui की रिसर्च को मिला बूस्ट
Hengrui Pharmaceuticals पिछले कुछ वर्षों से respiratory diseases पर फोकस कर रही है। इस डील से अब उनकी रिसर्च को अंतरराष्ट्रीय मान्यता भी मिल गई है।
Bottom Line:
इस डील से Hengrui ने साबित कर दिया है कि चीन की फार्मा कंपनियां अब वैश्विक स्वास्थ्य बाजार में तेज़ी से उभर रही हैं। साथ ही, GSK जैसे दिग्गज भी इन कंपनियों में विश्वास दिखा रहे हैं।
-:FAQ:-
Q1. GSK ne Hengrui ko 500 million kyun diye?
- Ans. ताकि फेफड़ों की नई दवा पर अधिकार मिल सके।
Q2. Hengrui Pharma ke share mein jump kyu aaya?
- Ans. GSK की डील के बाद निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
Q3. Kya is deal se Indian pharma par asar padega?
- Ans. हाँ, कॉम्पिटिशन और इनोवेशन दोनों बढ़ेंगे।
Q4. GSK-Hengrui Deal pharma trend ko kaise badlegi?
- Ans. एशिया में रिसर्च इन्वेस्टमेंट तेजी से बढ़ेगा।
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