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Harshdeep Hortico Success Story: ₹50,000 से शुरू हुआ सफर कैसे बना ₹170 Cr का Garden Empire?

Harshdeep Hortico Success Story: ₹50,000 से शुरू हुआ सफर कैसे बना ₹170 Cr का Garden Empire?

AI Generated image:

भारत में पौधे सिर्फ शो-पीस नहीं, परंपरा हैं।

कभी तुलसी खिड़की पर तो कभी मनी प्लांट बालकनी में हम भारतीयों के लिए पौधे घर का हिस्सा हैं। ये सिर्फ हॉबी नहीं, बल्कि पीढ़ियों से चली आ रही एक विरासत है। लेकिन इस प्यार के पीछे एक बड़ी दिक्कत भी है मजबूत, सुंदर और सस्ते गमले मिलते ही नहीं!

सस्ते प्लास्टिक के गमले एक सीजन भी नहीं टिकते, और जो अच्छे दिखते हैं, वो इतने महंगे होते हैं कि हर कोई अफोर्ड नहीं कर पाता।

Harshdeep Hortico Success Story: यहीं से शुरू होती है हर्षदीप की कहानी..

करीब 25 साल पहले, ठाणे के एक छोटे वर्कशॉप में हितेश चुंडीलाल शाह ने सिर्फ ₹50,000 और उधार लिए गए टूल्स से गमले बनाना शुरू किया।

कोई मशीन नहीं, कोई टीम नहीं सिर्फ मेहनत और सपना – पुणे के नर्सरीज़ को सप्लाई देकर उन्होंने अपनी कंपनी की नींव रखी।

“पापा ने एक प्रोडक्ट से शुरुआत की थी, आज हमारे पास 2,200 से ज़्यादा हैं,” बताते हैं उनके बेटे हर्षित शाह, जो अब कंपनी के डायरेक्टर हैं।

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लोकल गमलों से ग्लोबल डिज़ाइन तक

1999 में शुरू हुई Harshdeep Agro Products अब बन चुकी है Harshdeep Hortico Ltd एक BSE में लिस्टेड पब्लिक लिमिटेड कंपनी।

2023 में नया नाम मिला, और ग्लोबल पहचान भी। अब ये ब्रांड न सिर्फ गमले बनाता है, बल्कि आउटडोर फर्नीचर, शेड नेट्स और 3D प्रिंटेड प्लांटर्स भी बनाता है।

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2020 में MBA ग्रेजुएट हर्षित जब फैमिली बिज़नेस से जुड़े, तब कंपनी की इनकम ₹30 करोड़ के आस-पास थी।

सिर्फ 5 सालों में उन्होंने इसे ₹60 करोड़ रेवेन्यू तक पहुंचाया और कंपनी की वैल्यू ₹170 करोड़ के पार कर दी।

उन्होंने ब्रांडिंग, ऑपरेशंस और नए प्रोडक्ट्स की स्ट्रैटेजी बनाई, जिससे Harshdeep बन गया एक पॉपुलर नाम।

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क्या-क्या बनाते हैं?

Harshdeep के खास प्रोडक्ट्स:

  1. गार्डन गमले (3 cm से 130 cm तक)
  2. Mubele ब्रांड के तहत आउटडोर फर्नीचर (फ्रेंच में मीनिंग – फ़र्नीचर)
  3. ग्रीन शेड नेट्स (बिल्डिंग्स और ग्रीनहाउस के लिए)
  4. Biodesign के तहत 3D प्रिंटेड सस्टेनेबल प्लांटर्स

4 टेक्नोलॉजी से बनते हैं प्रोडक्ट्स:

Injection, Rotational, Blow Moulding और Handcrafted Fiberglass।

5 साल की गारंटी और हर प्रोडक्ट में टिकाऊपन की गारंटी।

Sustainability में सबसे आगे

India में Harshdeep एकमात्र कंपनी है जो चावल के भूसे, कॉफी बीन्स और गन्ने के रेशे से गमले बना रही है।

यहां तक कि इन गमलों में यूज़ होने वाला रंग भी bio-based और chemical-free होता है।

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कहां बेचते हैं और कितने बड़े हो गए?

आज Harshdeep की पहुंच सिर्फ पुणे या मुंबई तक नहीं, बल्कि पूरी दुनिया में है।

इनका नेटवर्क:

फैमिली का सपना, बेटे का मिशन

हर्षित बताते हैं कि उनके पापा ने काम की शुरुआत बिना मशीनों के की थी। ₹10 लाख का पहला मोल्डिंग मशीन लेना एक बड़ा रिस्क था।

“कई बार कैश नहीं होता था, लोन लेकर काम चलता था।”

जैसे-जैसे कंपनी बढ़ी, वैसे-वैसे कॉपीकैट कंपटीटर्स भी आए। लेकिन शाह परिवार ने हमेशा ethical और टैक्स रजिस्टर्ड बिज़नेस बनाए रखा।

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अब आगे क्या?

Harshdeep अब सिर्फ गमले या फर्नीचर तक सीमित नहीं रहेगा। अब वो बनाना चाहते हैं एक One-Stop Garden Solution Brand जहां एक छत के नीचे गार्डन के हर ज़रूरत का सामान मिले।

“हमारा सपना है कि हर ग्राहक को अपने गार्डन के लिए सब कुछ एक ही जगह मिल जाए—बिना क्वालिटी या डिज़ाइन से समझौता किए,” कहते हैं हर्षित।

-:FAQ:-

Q1. भारत का सबसे अच्छा ईको-फ्रेंडली प्लांटर ब्रांड कौन सा है?

Q2. 3D प्रिंटेड सस्टेनेबल गमले कहां मिलते हैं?

Q3. ईको-फ्रेंडली गार्डनिंग प्रोडक्ट्स ऑनलाइन कैसे खरीदें?

Q4. सबसे टिकाऊ गार्डन गमले कौन से हैं?

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