GDP में बंपर मुनाफ़ा! भारत को मिला ₹1.1 लाख करोड़ का सरप्लस – RBI रिपोर्ट से खुलासा

भारतीय रिजर्व बैंक,
RBI द्वारा जारी हालिया आँकड़ों के अनुसार, Q4 FY25 में भारत का Current Account 1.3% GDP के सरप्लस (Surplus) में रहा है। यह एक महत्वपूर्ण आर्थिक संकेत है क्योंकि इससे पहले Q3 FY25 में यह खाता 1.1% के घाटे (Deficit) में था।
GDP में बंपर मुनाफ़ा! मुख्य आँकड़े:
- मार्च तिमाही में चालू खाता सरप्लस: $13.5 बिलियन
- पिछली तिमाही (Q3) का घाटा: $11.3 बिलियन
- FY25 के लिए कुल चालू खाता घाटा: $23.3 बिलियन (0.6% of GDP)
- FY24 में यह था: $26 बिलियन (0.7% of GDP)
ट्रेड डिफिसिट और सर्विस एक्सपोर्ट का योगदान:
- Merchandise Trade Deficit (वस्तु व्यापार घाटा) Q4 में $59.5 बिलियन रहा, जो पिछली तिमाही के मुकाबले घटा है।
- Net Services Receipts Q4 में बढ़कर $53.3 बिलियन हो गया, जो बीते वर्ष की समान अवधि में $42.7 बिलियन था।
इसमें Business Services और Computer Services के ज़रिए अच्छी ग्रोथ देखने को मिली है।
ग्लोबल ट्रेड में अनिश्चितता बढ़ी:
India Ratings and Research (Ind-Ra) के मुताबिक, FY26 की पहली तिमाही (Q1) में चालू खाता फिर से घाटे में जा सकता है — अनुमानतः 1.2% of GDP। इसका बड़ा कारण है हाल ही में अमेरिका द्वारा घोषित Reciprocal Tariffs जिसने वैश्विक व्यापार व्यवस्था (Global Trade Order) को अस्थिर कर दिया है।
“अब बिज़नेस और निवेश के फैसले अमेरिका के ट्रेड पॉलिसी पर निर्भर होते जा रहे हैं,” – Paras Jasrai, Economist, Ind-Ra
भारत के लिए क्या मायने रखता है यह सरप्लस?
यह सरप्लस भारत की Foreign Exchange Stability के लिए सकारात्मक है।
Rupee पर दबाव घट सकता है।
सरकार को Capital Inflows और FDI आकर्षित करने में मदद मिल सकती है।
इससे भारत की Economic Resilience दुनिया के सामने बेहतर साबित होती है।
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