Netanyahu का ऐलान: Iran Mission Almost Complete – लेकिन लंबी जंग नहीं चाहिए!
Middle East में बढ़ते तनाव के बीच,
Israeli Prime Minister Benjamin Netanyahu ने एक बड़ा बयान देते हुए कहा है कि Israel अब Iran के खिलाफ अपने military objectives को पूरा करने के “बहुत करीब” है। उन्होंने स्पष्ट किया कि Israel का इरादा लंबे समय तक चलने वाले War of Attrition (यानी थकावट वाला युद्ध) में जाने का नहीं है।
Netanyahu का ऐलान:
War of Attrition क्या होता है?
इस तरह के युद्ध में दोनों पक्ष धीरे-धीरे एक-दूसरे की ताकत को खत्म करने की कोशिश करते हैं — बिना decisive जीत के। Netanyahu ने साफ कर दिया कि Israel ऐसे “लंबे और थका देने वाले संघर्ष” से बचना चाहता है।
क्या कह रहा है Netanyahu का बयान?
- “हम अपने mission के goals को जल्द ही पूरा करने की स्थिति में हैं। हमारा उद्देश्य Iran की military और nuclear ताकत को सीमित करना है, लेकिन हम regional escalation नहीं चाहते।”
Iran पर क्या है Israel की Strategy?
- Iran के nuclear infrastructure को weaken करना
- Hezbollah और अन्य proxies को रोकना
- Syria और Lebanon में Iranian प्रभाव को neutralize करना
Israel ने हाल ही में कई targeted strikes किए हैं, और इसका सीधा मकसद है – Tehran की regional reach को कम करना।
दुनिया की नजरें क्यों टिकी हैं इस पर?
- Global Oil Prices
- Iran में instability का सीधा असर oil supply routes पर होता है।
- US-Israel Coordination
अमेरिका पहले ही Iran पर हमला कर चुका है, ऐसे में Israel का कड़ा रुख एक बड़ा geopolitical बदलाव दर्शाता है।
Hezbollah और Hamas,
इन groups की तरफ से भी retaliation की संभावना बनी हुई है।
क्या होगा आगे?
- क्या Iran चुप रहेगा या करेगा counter-attack?
- क्या ये conflict एक full-blown war में बदल जाएगा?
- क्या ये सब सिर्फ Israel की deterrence strategy है या कोई बड़ा प्लान?
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