
Nuwan Thushara: श्रीलंका का ‘पोडी मलिंगा’ जो आईपीएल में छा गया, जिन्हें ‘पोडी मलिंगा‘ (छोटे मलिंगा) के नाम से जाना जाता है,
श्रीलंका के एक उभरते हुए तेज गेंदबाज हैं, जिन्होंने अपनी स्लिंग एक्शन और डेथ ओवरों में शानदार गेंदबाजी से क्रिकेट जगत में खास पहचान बनाई है,
Numan thushara का जन्म 6 अगस्त 1994 को थलावा, श्रीलंका में हुआ था।
उन्होंने थलावा कनिटु विद्यालय से शिक्षा प्राप्त की। उनका क्रिकेट करियर टेनिस बॉल क्रिकेट से शुरू हुआ, जहाँ उनकी गेंदबाजी शैली ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया।
उनकी स्लिंग एक्शन, जो श्रीलंका के दिग्गज गेंदबाज लसिथ मलिंगा से मिलती-जुलती है, ने उन्हें ‘पोडी मलिंगा‘ का उपनाम दिलाया।
उन्होंने प्रथम श्रेणी क्रिकेट में पदार्पण 26 दिसंबर 2015 को सिन्हलीज स्पोर्ट्स क्लब के लिए किया और 10 मार्च 2018 को कोलंबो क्रिकेट क्लब के लिए लिस्ट ए डेब्यू किया।
अंतरराष्ट्रीय करियरनुवान ने 13 फरवरी 2022 को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय में श्रीलंका के लिए पदार्पण किया। उन्होंने 18 टी20 अंतरराष्ट्रीय मैचों में 26 विकेट लिए हैं, जिसमें उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन 5/20 रहा है।
9 मार्च 2024 को, उन्होंने बांग्लादेश के खिलाफ टी20 अंतरराष्ट्रीय मैच में हैट्रिक ली, जिससे वे इस प्रारूप में हैट्रिक लेने वाले पांचवें श्रीलंकाई गेंदबाज बने।
💰 आईपीएल और फ्रेंचाइज़ी करियर:
नुवान थुषारा ने 2024 में मुंबई इंडियंस के लिए आईपीएल में पदार्पण किया, जहाँ उन्हें 4.8 करोड़ रुपये में खरीदा गया।
2025 में, रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर ने उन्हें अपनी टीम में शामिल किया, जहाँ वे भुवनेश्वर कुमार, जोश हेजलवुड और लुंगी एंगिडी जैसे गेंदबाजों के साथ खेले।
🎯 खेल शैली और विशेषताएँ:
नुवान थुषारा की गेंदबाजी शैली लसिथ मलिंगा से प्रेरित है, जिसमें उनकी स्लिंग एक्शन और डेथ ओवरों में यॉर्कर डालने की क्षमता शामिल है। उनकी यह विशेषता उन्हें टी20 क्रिकेट में एक प्रभावशाली गेंदबाज बनाती है।
📲 सोशल मीडिया और व्यक्तिगत जीवन:
नुवान थुषारा सोशल मीडिया पर भी सक्रिय हैं। उनका इंस्टाग्राम हैंडल @nuwan.thushara53 है,
जहाँ वे अपने क्रिकेट और व्यक्तिगत जीवन से जुड़ी झलकियाँ साझा करते हैं।
निष्कर्ष:
नुवान थुषारा ने अपनी मेहनत, अद्वितीय गेंदबाजी शैली और निरंतर प्रदर्शन से क्रिकेट जगत में अपनी पहचान बनाई है। उनकी कहानी युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत है, जो दिखाती है कि समर्पण और कठिन परिश्रम से किसी भी मुकाम को हासिल किया जा सकता है।