Qatar ने Rosneft डील छोड़ी: अब जर्मनी की तेल सप्लाई पर मंडरा रहा है संकट!

Bloomberg की रिपोर्ट के मुताबिक,
Qatar Investment Authority (QIA) ने Russia की state-controlled oil कंपनी Rosneft PJSC की German refining assets खरीदने की रुचि वापस ले ली है। ये assets Rosneft Deutschland के अधीन हैं, और अब इस कदम से German refining sector के भविष्य पर सवाल खड़े हो गए हैं।
Qatar ने Rosneft डील छोड़ी: पूरा मामला क्या है?
सितंबर 2022 में Germany की सरकार ने Rosneft Deutschland और RN Refining & Marketing GmbH को temporary trusteeship के तहत अपने नियंत्रण में ले लिया था। वजह थी Russia पर लगे Western sanctions और यूक्रेन युद्ध के बाद बढ़ता geopolitical तनाव।
अब तक trusteeship 6 बार extend हो चुका है, और अगली डेडलाइन 10 सितंबर 2025 है।
ये refining assets कितने अहम हैं?
Rosneft Deutschland के पास तीन जर्मन refineries में हिस्सेदारी है, जिनमें शामिल है:
PCK Raffinerie GmbH (Schwedt plant) – जो Berlin के पास स्थित है
ये तीनों मिलकर जर्मनी की 12% oil refining capacity संभालती हैं
Qatar ने पीछे क्यों हटाया कदम?
QIA ने इस डील के लिए White House से अप्रूवल लेने की कोशिश की थी
लेकिन US approval नहीं मिलने के चलते उन्होंने deal से हाथ पीछे खींच लिया
QIA इस डील को US के साथ diplomatic relations को बिगाड़े बिना करना चाहता था
अब जबकि QIA भी पीछे हट गया है, कोई और Western buyer सामने नहीं आया है, क्योंकि Rosneft पर अभी भी प्रतिबंध (sanctions) लागू हैं।
Qatar ने Rosneft डील छोड़ी: Germany की मुश्किलें बढ़ीं:
Germany की नयी Economy Minister Katherina Reiche ने संसद में स्वीकार किया कि:
- “इस entity के लिए सुरक्षित और वैध भविष्य तय करना आसान नहीं है। हमें इसके लिए और समय चाहिए।”
अब आगे क्या?
- QIA के पीछे हटने से अब मामला जर्मन सरकार की मेज पर आ गया है
- जर्मनी को जल्द तय करना होगा कि इन refining assets का भविष्य क्या होगा
- कोई भी नया निवेशक तभी आएगा जब sanctions में राहत मिले या ownership structure बदले
Letest Post:
1. Shadowfax का बड़ा कदम: ₹8,500 करोड़ वैल्यू वाला IPO जल्द आ रहा है!