Walmart Vs Amazon: अब दवा की होम डिलीवरी में कौन बनेगा नंबर 1? जानिए नया गेमप्लान
अमेरिका की सरकार और बड़ी कंपनियाँ जैसे Walmart Inc.
अब मिलकर अमेरिकी नागरिकों को सीधे दवा कंपनियों से दवाएं दिलवाने की तैयारी में हैं।
इससे न सिर्फ महंगी दवाओं के दाम कम होंगे, बल्कि पूरा मेडिकल सप्लाई चेन भी simplify हो सकता है।
Bloomberg की रिपोर्ट के अनुसार,
US Health and Human Services (HHS) के अधिकारियों ने इस हफ्ते Walmart और अन्य retail giants के साथ मीटिंग की, ताकि दवाओं को सीधे consumers तक पहुंचाने के नए रास्ते तलाशे जा सकें।
Walmart Vs Amazon: क्यों ज़रूरी है ये बदलाव?
अमेरिका में दवाओं की कीमतें दुनिया में सबसे ज्यादा हैं।
इसके पीछे कई वजहें हैं:
- Middlemen system:
Pharmacy Benefit Managers (PBMs) और बीमा कंपनियाँ दवा कंपनियों से कीमतें negotiate करती हैं।
इसमें rebates, processing fees, और अन्य लागतें जुड़ती हैं, जो final price को काफी बढ़ा देती हैं।
- Indirect Access:
अधिकतर मरीजों को दवाएं pharmacies से मिलती हैं, जो पहले बीमा कंपनियों से पैसे लेती हैं।
ये पूरा process time-consuming और costly होता है।
Trump का Action Plan:
पूर्व राष्ट्रपति Donald Trump ने May में एक Executive Order पर हस्ताक्षर किए थे, जिसमें फार्मा कंपनियों को निर्देश दिया गया था कि वो अपनी दवाओं की कीमतें उन देशों के बराबर करें जो उन्हें सस्ते में खरीदते हैं।
- “Goal: अमेरिका में वही दाम, जो दूसरे देशों में जनता देती है!”
इस योजना के तहत HHS को ये टास्क मिला कि वह Direct-To-Consumer (DTC) सिस्टम पर काम करे — यानी दवा बिचौलियों को हटाकर सीधे मरीजों तक पहुंचे।
Walmart का रोल:
Walmart पहले से ही इस दिशा में काम कर रहा है:
2024 में Walmart ने prescription delivery शुरू की थी, जिससे वह Amazon.com Inc. का सीधा competitor बन गया।
अब यह DTC मॉडल को और मजबूत करने के लिए सरकारी योजना में भागीदारी कर सकता है।
अब आगे क्या?
अगर ये मॉडल लागू होता है, तो दवा:
- सीधे ग्राहक तक पहुंचेगी
- सस्ती होगी
- Delivery-based model को बढ़ावा मिलेगा
- Middlemen system कमज़ोर होगा
हालांकि फिलहाल HHS की तरफ से कोई official timeline या final policy सामने नहीं आई है।
Walmart और HHS — दोनों ने अभी तक इस मीटिंग पर official comment देने से इनकार किया है।
Letest Post:
1. Qatar ने Rosneft डील छोड़ी: अब जर्मनी की तेल सप्लाई पर मंडरा रहा है संकट!