
सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई से पहले बहाल हुए कई X अकाउंट्स
भारत में सोशल मीडिया सेंसरशिप को लेकर एक बड़ा घटनाक्रम सामने आया है। केंद्र सरकार ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कई पत्रकारों, स्वतंत्र मीडिया संस्थानों और कंटेंट क्रिएटर्स के अकाउंट्स को बहाल कर दिया है। यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट में 7 मई से शुरू होने वाली सुनवाई से ठीक पहले की गई।
किन-किन अकाउंट्स को किया गया बहाल?
1✓ Maktoob और The Kashmiriyat जैसे न्यूज़ आउटलेट्सAnuradha Bhasin,
2✓ वरिष्ठ पत्रकार,
3✓ कश्मीर सेFree Press KashmirArpit Sharma,
4✓ इंस्टाग्राम पर 3.4 लाख फॉलोअर्स वाले कंटेंट क्रिएटर4PM News,
5✓ एक यूट्यूब आधारित समाचार चैनल
किस आधार पर हुए थे ये ब्लॉक?
ये ब्लॉकिंग आदेश सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम, 2000 की धारा 69A के तहत दिए गए थे, जो सरकार को “राष्ट्रीय सुरक्षा” और “सार्वजनिक व्यवस्था” के नाम पर ऑनलाइन कंटेंट को ब्लॉक करने का अधिकार देता है।हाल ही में हुए ऑपरेशन सिंदूर के बाद कई भारतीय और विदेशी अकाउंट्स को भी ब्लॉक किया गया था, जिनमें BBC Urdu, TRT World (तुर्की) और Global Times (चीन) जैसे नाम शामिल हैं।
बिना सूचना के ब्लॉकिंग पर उठे सवाल
Software Freedom Law Centre, India (SFLC) ने कहा है कि बिना पूर्व सूचना और प्रतिक्रिया का मौका दिए सोशल मीडिया अकाउंट्स को ब्लॉक करना न तो न्यायसंगत है और न ही प्रभावी।
SFLC ने सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की है जिसमें आईटी नियम 2009 की संवैधानिकता को चुनौती दी गई है।
क्या कहती है याचिका?
Rule 16 को असंवैधानिक घोषित करने की मांगRule 8 और 9 को संविधान के अनुच्छेद 14, 19 और 21 का उल्लंघन बताया गया है
निष्कर्ष:
भारत में इंटरनेट सेंसरशिप को लेकर चल रही कानूनी लड़ाई अब निर्णायक मोड़ पर है। X अकाउंट्स की बहाली भले ही राहत की खबर हो, लेकिन यह भी दिखाता है कि पारदर्शिता और जवाबदेही की भारी कमी है। सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने वाले समय में डिजिटल अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता की दिशा तय कर सकता है।