Water Crisis In Pakistan: खरीफ फसलों पर मंडराया संकट

पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में,
इस वर्ष की खरीफ (गर्मी की) फसल का मौसम गंभीर संकट का सामना कर रहा है, क्योंकि अत्यधिक गर्मी और सिंचाई के लिए आवश्यक नदियों—इंडस, झेलम और चिनाब—में जल स्तर में भारी कमी आई है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह जल संकट कृषि उत्पादन, खाद्य आपूर्ति और किसानों की आर्थिक स्थिति पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।
Water Crisis In Pakistan
🌊 जल संकट की गंभीरता:
पाकिस्तान के दो प्रमुख जलाशयों—मंगला डैम (झेलम नदी पर) और टरबेला डैम (इंडस नदी पर)—में जल स्तर खतरनाक रूप से कम हो गया है। इसके साथ ही, भारत द्वारा चिनाब नदी के जल प्रवाह को नियंत्रित करने के कारण स्थिति और भी बिगड़ गई है। यह कदम हाल ही में पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के बाद उठाया गया है, जिससे पाकिस्तान के सिंचाई प्रणाली पर गंभीर प्रभाव पड़ा है।
🌾 कृषि पर प्रभाव:
पंजाब और सिंध प्रांतों में कपास, चावल और गन्ना जैसी खरीफ फसलों की बुवाई पर जल संकट का सीधा प्रभाव पड़ रहा है। कृषि विभाग के अधिकारियों के अनुसार, दक्षिणी पंजाब में किसानों को गन्ने की बजाय कपास जैसी कम जल-आवश्यकता वाली फसलों की बुवाई की सलाह दी जा रही है। यह निर्णय जल की कमी और गन्ने की अधिक जल आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए लिया गया है।
🌡️ जलवायु परिवर्तन और खाद्य सुरक्षा:
जलवायु परिवर्तन के कारण हिमालय में बर्फबारी में कमी और मानसून की अनिश्चितता ने सिंचाई के लिए आवश्यक जल की उपलब्धता को प्रभावित किया है। इससे खाद्य सुरक्षा पर खतरा मंडरा रहा है, क्योंकि पाकिस्तान की कृषि प्रणाली सिंचाई पर अत्यधिक निर्भर है।
💡 समाधान और सुझाव:
जल संरक्षण तकनीकों का अपनाना: ड्रिप और स्प्रिंकलर सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा देना।
फसल विविधीकरण: कम जल-आवश्यकता वाली फसलों की बुवाई को प्रोत्साहित करना।
जलाशयों का निर्माण और रखरखाव: नए जलाशयों का निर्माण और मौजूदा जलाशयों की क्षमता बढ़ाना।
क्षेत्रीय सहयोग: पड़ोसी देशों के साथ जल साझा करने के समझौतों की समीक्षा और सुधार।
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